गंगा घाटी के गाँव गाँव मे गंगा सरक्षण को लेकर चलाएंगे जन जागरण : साध्वी प्रमानंदा

राजेश रतूड़ी 
उत्तरकाशी : साध्वी प्रमानंदा  (अम्मा जी ) ने पत्रकार वार्ता बुलाकर के बताया कि यूँ तो उत्तराखंड में हर स्थान पर देवी देवताओं का वास है ।  मां गंगा का उदगम स्थान भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है उदगम स्थल से ही मां गंगा के  संरक्षण की क्यों आवश्यकता पड़ रही है बड़ा सवाल है । जबकि सर्व विधित है कि मां गंगा का उदगम स्थान गोमुख है। गंगा के उदगम स्थान होने के कारण पंच प्रयाग भी उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री के बीच मे ही स्थित है l जिनका उल्लेख  वेदों और पुराणों में वर्णित  होने के बावजूद भी आज तक इनमे से कुछ स्थान आज भी ऐसे है जिनका विकास नहीं हो पाया है। यदि गंगोत्री क्षेत्र के पांच प्रयागों का सही मायने मे विकास हुआ होता तो  क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए  बाहरी जिलों मे  नहीं जाना पड़ता । इस क्षेत्र मे लाखो की संख्या मे  पर्यटक एवं श्रद्धालु पहुंचते है  किंतु पर्यटक व श्रद्धालुओं को स्थानीय पांच प्रयागों के बारे में जानकरी का अभाव  होने के कारण लोग इन स्थानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जिसके लिए क्षेत्र में जन जागरण का होना अति आवश्यक है । जिसको लेकर हम क्षेत्रीय विद्वानों और बुद्धिजीवियों को साथ लेकर गंगा घाटी के आसपास से लगे सभी गांव में जाकर के गंगा संरक्षण को लेकर जन जागरण कार्यक्रम चलाएंगे ।
इसके अलावा स्थानीय देवी देवताओं के बारे मे व्यापक प्रचार प्रसार क़र इनकी महता से सभी को अवगत कराने का काम करेंगे l गंगा अवतरण के कारण गंगा घाटी मे अनेक स्थानो पर देवी देवताओं ने किसी न किसी रूप मे मां गंगा के स्वागत के लिए अवतरित हुए है और युगो से इन्ही स्थानों मे सतत निवास क़र रहे है जिन्हे स्थानीय देवी देवताओं के रूप मे देखा जा सकता है । उन्होंने बताय कि आगामी गंगा दशहरा पर्व पर नेताला मे विभिन धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है । 

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