शिक्षक राघवेंद्र उनियाल की कविता पुस्तक "तुझे लौटना होगा" का हुआ विमोचन, उन्होंने पहाड़ के दर्द को उकेरा है इस पुस्तक में
उत्तरकाशी : शिक्षक राघवेंद्र उनियाल की पहली कविता पुस्तक 'तुझे लौटना होगा' का विमोच कलेक्ट्रेट ऑडिटोरियम में विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ रविवार को संपन्न हो गया है विमोचन कार्यक्रम में उत्तरकाशी शहर के प्रमुख साहित्यकार एवं प्रबुद्ध जनों ने प्रतिभाग किया I
भटवाड़ी विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सभा सैंज निवासी शिक्षक राधवेन्द्र उनियाल की पहली कविता पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बतौर अथिती गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान , जिला पंचायत अध्यक्ष रमेश चौहान , जिलाधिकारी प्रशांत आर्य सहित उत्तराखण्ड के साहित्यकार, रंगकर्मी मदन मोहन डुकलान , उत्तरकाशी को अपने साहित्य से विश्वपटल पर पहुंचाने वाले महावीर रवांल्टा के साथ ही उत्तराखंडी साहित्यकार गिरीश सुन्द्रियाल , आशीष सुन्द्रियाल , धर्मेन्द्र नेगी आदि ने मंच साझा किया ।
पेशे से शिक्षक और अपनी सामाजिक सरोकारों के लिये पूरे देश प्रदेश में अपनी पहचान बनाने वाले राघवेन्द्र ने अपने भावों को संजोकर किताबी रूप देकर साहित्य जगत में पदार्पण कर दिया है । अपनी पहली काव्य रचना में उन्होंने गांव और शहर के जीवन की गहन खोजबीन की है और पलायन के दर्द हो उकेरा है। उन्होंने शहरी जीवन की विद्रूपताओं और ग्रामीण जीवन की खूबियों को बखूबी उकेरा है।
पहाड़ के बिकते जल, जंगल, जमीन की पीड़ा को उकेरती यह काव्य रचना अन्त में पाठकों को झकझोर देने वाले प्रश्न छोड़कर सोचने को मजबूर करती है और पुनः गांव की और लौटने का आव्हान करती है।
कार्यक्रम में चित्रकार मुकुल बडोनी , अजय पुरी, अरविंद कुड़ियाल सुभाष कमाई, कल्पना असवाल, राखी सिलवाल, मदन मोहन बिजलवान, द्वारिका सेमवाल, गोपाल थपलियाल, प्रभावती गौड़, महेश उनियाल, राकेश जोशी, प्रवीन नौटियाल, डॉक्टर प्रेम पोखरियाल, शैलेन्द्र नौटियाल आदि शामिल हुए।
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