सिविल जज सीनियर डिवीजन जयश्री राणा की अदालत ने वर्तमान ब्लॉक प्रमुख प्रमुख पुरोला निशिता पवार के अधिकारों पर लगाई रोक
राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी : नव निर्वाचित पुरोला ब्लॉक प्रमुख निशिता पवार के अधिकारों पर याचिका कर्ता श्रीमती आंचल की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन जिला न्यायालय उत्तरकाशी की अदालत ने पूर्ण फैसले तक रोक लगाकर सत्ता के गलियारों में हलचल पैदा कर दी है l
जिला न्यायालय उत्तरकाशी में अधिवक्ता बीएस मटूड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को बताया कि जिला न्यायालय उत्तरकाशी में सिविल जज सीनियर डिवीजन जयश्री राणा की अदालत में चुनाव संबंधी याचिका की सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला दिया है | उन्होंने बताया कि ब्लॉक प्रमुख का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था जिसमें याचिका कर्ता आंचल के द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर पुरोला को 11 अगस्त 2025 को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था कि विपक्षी श्रीमती निशिता पवार के सभी दस्तावेज एस टी के बने हैं l नाम में कलमी भूल होने के कारण रिटर्निंग ऑफिसर ने यह बताया कि जिस नाम पर आवेदन कर्ता आंचल के द्वारा एतराज किया। जा रहा है इस नाम से पुरोला ब्लॉक प्रमुख पद पर कोई आवेदन ही नहीं हुआ है उन्होंने कहा कि जबकि याचिका कर्ता आंचल के द्वारा अपने प्रार्थना पत्र के साथ श्रीमती निशिता पवार के अन्य दस्तावेज भी लगाए गये थे रिटर्निंग ऑफिसर पुरोला पर आरोप लगाया कि उन्होंने अन्य दस्तावेज बिना देखे ही याचिका कर्ता श्रीमती आंचल के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था l श्रीमती आंचल उक्त प्रकरण में न्याय मांगने को लेकर हाई कोर्ट पहुंची हाई कोर्ट ने चुनाव रोकने से मना कर प्रकरण की सुनवाई के लिए निचली अदालत को हस्तांतरित कर दिया था | जिला जज गुरुबख्श सिंह की अदालत ने पंचायत प्रकरण की सुनवाई करते हुए उक्त पंचायती प्रकरण को सिविल जज सीनियर डिवीजन जयश्री राणा की अदालत को सुनवाई के लिए सौंप दिया था सिविल जज सीनियर डिवीजन जयश्री राणा की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए 24 सितंबर को याचिका कर्ता आंचल को राहत देते हुए अपने अंतरिम फैसले में ब्लॉक प्रमुख पुरोला की प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियों पर प्रकरण के पूर्ण सुनवाई तक रोक लगा दी है l
उनके इस फैसले ने सत्ता के गलियारों में हलचल पैदा कर दी है आपको बता दें वर्तमान ब्लाक प्रमुख पुरोला श्रीमती निशिता पूर्व विधायक मालचंद की पुत्रवधू है जिस कारण इस प्रकरण को राजनीतिक दृष्टि से हाई प्रोफाइल होने के कारण अहम माना जा रहा है | फिलहाल अदालत के इस फैसले ने याचिका कर्ता आंचल को राहत दी है I
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