प्रेस क्लब उत्तरकाशी की पहलीे कोर कमेटी की बैठक संपन्न , कई मुद्दों पर हुई चर्चा
उत्तरकाशी । उत्तरकाशी मुख्यालय में नई कार्यकारिणी की पहली बैठक में उठी पत्रकार हितों की गूंज, लोकतंत्र और जनहित की बुलंद आवाज़ बनी प्रेस
उत्तरकाशी की फिजाओं में आज पत्रकारिता के जज़्बे की नई बयार बह रही है! प्रेस क्लब की नई कार्यकारिणी ने अपनी पहली औपचारिक बैठक में न केवल जिम्मेदारियों का बंटवारा किया, बल्कि पत्रकारिता के मिशन को लोकतंत्र की रीढ़ बनाने का संकल्प भी दोहराया। इसी दौरान एक चेहरे पर सबसे ज्यादा रोशनी पड़ी — शंकर सिंह गोसाई, जिन्हें बीडीसी सदस्य के रूप में निर्विरोध चुने जाने पर फूल-मालाओं से लादकर ऐतिहासिक स्वागत किया गया।
उत्तरकाशी प्रेस क्लब की नई टीम ने जैसे ही कमान संभाली, पत्रकार हित और जनहित की आवाज़ और बुलंद करने की रणनीति पर चर्चा शुरू कर दी। प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश रतूड़ी ने नई कार्यकारिणी की ऑनलाइन अपलोडिंग समेत सभी जिम्मेदारियों का बारीकी से बंटवारा किया।प्रेस क्लब संरक्षक गिरीश गैरोला ने बैठक में सुझाव रखा कि कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों के बैठने के लिए अलग कक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मुख्यालय से जुड़ी खबरों को तुरंत संकलित करने और आगे भेजने के लिए एक स्थायी जगह ज़रूरी है। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा।”
सचिव बलवीर परमार ने ताजगी और आपसी तालमेल पर ज़ोर देते हुए कहा, “हर तीसरे महीने पत्रकारों की आउटिंग के साथ बैठक होनी चाहिए ताकि हम एक-दूसरे को बेहतर समझें और ऊर्जा से भरपूर रहें।”
प्रेस क्लब के सदस्य पृथ्वी नथनी ने एलान किया कि नई कार्यकारिणी जल्द ही जिले के सभी विभागीय अधिकारियों से भेंट कर परिचय कराएगी। उनका कहना था, “हम व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाएंगे ताकि पीत पत्रकारिता पर रोक लगे और स्वस्थ पत्रकारिता समाज में अपनी असली भूमिका निभा सके।”
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, “पत्रकार अपने आप में सक्षम है, लेकिन आज के दौर में एकजुटता और संगठन की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि कलम की ताकत को धनबल और सट्टेबाज़ी से दबाया न जा सके।”
पत्रकार आशीष मिश्रा ने प्रेस क्लब को एक परिवार बताते हुए कहा, “लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखना और जिम्मेदारी निभाना पत्रकारों का कर्तव्य है। सबके सहयोग से ही पत्रकारिता को सम्मान और मजबूती मिलती है।”
पत्रकार विनीत कंसवाल ने कहा, “पंचायती चुनावों के आचार संहिता हटते ही नई कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी करनी होगी। इस बार कोशिश रहेगी कि सभी पत्रकारिता कार्यक्रम सीधे जनता के हित में हों।”
इमोशनल एंडिंग/कॉल टू रिफ्लेक्शन:
उत्तरकाशी प्रेस क्लब की इस नई पहल ने साफ कर दिया है — कलम की धार और सच्चाई की पुकार कभी कमजोर नहीं पड़ेगी। पत्रकारिता सिर्फ खबरें नहीं लिखती, ये समाज की नब्ज़ पकड़ती है। सवाल वही है — क्या हम सभी इस नब्ज़ को धड़कता हुआ रखने के लिए साथ खड़े हैं?
“क्योंकि जहां कलम झुकी, वहां सच दम तोड़ता है… और उत्तरकाशी ने ठान लिया है, सच कभी नहीं झुकेगा!”
बैठक में नितिन रमोला, प्रकाश रागड़, महाबीर राणा, दीपक नोटियाल,, कृष्णा राणा आदि मौजूद रहे।
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