राजेश रतूड़ीउत्तरकाशी । हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने ग्रीष्म कालीन प्रवास गंगोत्री धाम के लिए के लिए मां गंगा की भोग मूर्ति मुखवा गांव से धाम के पुरोहितों ,भक्तों के कंधों पर विराजमान होकर पैदल मार्कण्डेय होते हुए भैरवघाटी पहुंच चुकी हे।
उत्सव डोली के जलसे के साथ पारंपरिक ढोल नगाड़ों की थाप के साथ साथ सेना की बैंड धुनों के बीच भारी सुरक्षा के बीच पथरीले रास्तों से होकर रात्रि विश्राम के लिए भैरवघाटी स्थित मन्दिर में पहुंच चुकी हे। भैरव मंदिर में ही आज साम की आरती व पूजा होगी। कल सुबह पारंपरिक पूजा अर्चना के पश्चात अपने ग्रीष्म कालीन प्रवास गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। बुधवार को अक्षय तृतीया पर्व पर माता की भोग मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जायेगा आनेवाले 6 महीनों तक गंगोत्री धाम में ही श्रद्धालुओं को माता के दर्शन होंगे।
मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल व सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री मंदिर के कपाट उदघाटन को लेकर समिति के द्वारा तैयारियां पूरी की जा चुकी हे समिति के द्वारा मन्दिर को दुल्हन की तरह सजाया गया हे । इन्होंने यात्रा करने आने वाले सभी दर्शनार्थियों व श्रद्धालुओं को धाम में आने के लिए विशेष निमंत्रण दिया हे। तथा यात्रा की शुभकामनाएं दी हे।
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