गंगोत्री विधान सभा : बिना लड़े पूर्व विधायक विजयपाल सजवान की टक्कर मे कैसे आए लोकेन्द्र बिष्ट ?

त्रकारिता से राजनीति मे कदम रखने वाले लोकेन्द्र बिष्ट अँग्रेजी साहित्य और बणिज्य प्रबंधन मे पीजी डिग्री धारक है । वर्ष 1980 -81 मे पीजी कोलेज उत्तरकाशी मे छात्र संघ अध्यक्ष रहे | वर्ष 1996 से 2001 तक निर्विरोध बीडीसी रहे, इस दौरान ब्लौक प्रमुख का चुनाव भी लड़ा पर सफलता नहीं मिली |


वर्ष 2013 से 2015 तक उत्तरकाशी बीजेपी जिला मीडिया प्रभारी की ज़िम्मेदारी ली और 2016 से 2019 तक प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे |
वर्ष 2017 से 2021 तक जीएमवीएन के निदेशक पद कि शोभा बढ़ायी | इसके अलावा विभिन्न समाचार पत्र और न्यूज़ चैनल मे पत्रकारिता की और अभी भी स्वतंत्र लेखन का काम जारी है |
लोकेन्द्र बिष्ट को हमेसा इस बात से नाराजी रही कि ग्राम प्रधान से लेकर विधायक और सांसद तक सभी नेता खड़ंजा बिछाने तक ही सीमित हो कर रह गए है | खासकर विधायक और सांसद भी जब बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य की तरह पगडंडी निर्माण और खड़ंजा निर्माण को ही विकास की परिभासा समझेंगे तो आम मतदाता पंचायत प्रतिनिधि और विधायक सांसद मे भेद कैसे और किस आधार पर करे ?
राजधानी देहरादून से सुवाखोली सड़क मार्ग की बात हो अथवा हर्सिल को इननर लाइन से मुक्त करने की बात, लोकेन्द्र ने हर संभव मंच पर इन मुद्दो को उठाया और सफलता प्राप्त की | हाल ही मे एनएच की चौड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे पैरवी की मांग जोरदार ढंग से उठाई और उसमे भी बदलाव करने को मजबूर किया | अपने द्वारा उठाए गए मुद्दो को जरा हटकर मानते हुए आज विधान सभा चुनाव 2022 मे गंगोत्री से बीजेपी के टिकट की मांग कर रहे है |
चलिये आपको मिलवाते है लोकेन्द्र बिष्ट से और जानते है कि आखिर विधायक बनने कि इतनी तमन्ना किस उद्देश्य से पाले बैठे है – और विधायक बनने के बाद उनका क्या रोड मैप रहने वाला है

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