"बर बीचि बग्वाव माधो सिंह तू घर नि आयो माधो सिंह" , माधो सिंह भंडारी की याद में मनाई जाती है मंगसीर बग्वाल

 उत्तरकाशी  : (राजेश रतूड़ी)


गढ़वाल में बग्वाल उत्सव के दौरान  "बर बीचि बग्वाव माधो सिंह तू घर नि आयो माधो सिंह" यह गीत गाकर तांदी नृत्य में झूमकर गाने की परंपरा हर गांव में है। उत्तरकाशी जिले में इस वर्ष भी बग्वाल उत्सब को धूमधाम से बनाया गया। 
आपको बताते चले कि मंगसीर की बग्वाल गढ़वाली सेना की तिब्बत विजय का प्रतीक उत्सव है. पूरे गढ़वाल में जब सभी लोग दीपावली मना रहे थे तो उस दौरान बीर भड़ माधो सिंह भंडारी और उसकी सेना तिब्बत की सेना के साथ युद्ध कर रहे थे और विजय प्राप्त कर एक माह के बाद घर पहुचते है जिसके बाद तिब्बत विजय के प्रतीक इस उत्सव को एक महीने बाद मंगसीर बग्वाल के रूप में मनाया गया और तब से आजतक गढ़वाल के हर गांव में लोगो में इस उत्सब को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाने की परंपरा ब्याप्त है।

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