बाल विकास कार्यालय भटवाड़ी में काफी दिनों से लटके ताले ,न सीडीपीओ न क्लेरिकल स्टाफ फिर भी चल रही है परियोजना,यह कार्यशैली खोल रही है सरकारी विकास के दावों की पोल, कोरोना काल मे लोगो को छोटे छोटे काम करवाने को भटकना पड़ रहा है इधर उधर।

उत्तरकाश



तहसील मुख्यालय भटवाड़ी में  बाल विकास परियोजना कार्यालय में काफी दिनों से ताले लटके हुए है जिस कारण ग्रामीणों को अपने छोटे छोटे काम करवाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है जो कि सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए काफी होगा।


बतादे पिछले वर्ष तहसील मुख्यालय भटवाड़ी में तहसील स्तरीय विभागों के कर्मचारी तहसील स्तर पर न बैठकर जिला मुख्यालय में केम्प कार्यालय बनाकर काम कर रहे थे जिनमें बाल विकास विभाग भी एक था इसके लिए स्थानीय पत्रकारों ने पत्रकार संघ के बैनर तले तहसील मुख्यालय पर 20 दिन तक धरना दिया था धरने को उठवाने के लिए पूर्व जिलाधिकारी डा0 आशीष चौहान और स्थानीय विधायक गोपाल रावत आये थे और पत्रकारों से वादा कर गए थे कि तहसील मुख्यालय के सभी कार्यालय सुचारू चलेंगे इन मे से कुछ विभाग ने ही तहसील मुख्यालय में अपने  कार्यालयो को तहसील मुख्यालय में वापसी कर विधिवत सिप्ट किया है कुछ नाम मात्र के बोर्ड लगाकर डीएम और विधायक के आदेशों की इतिश्री कर गए उनमें से बाल विकास भी एक है ।


मंगलवार को जब कई लोग बाल विकास कार्यालय में काम करवाने पहुचे तो यहां ताले लटके मिले जिसकी शिकायत लोगो ने ब्लाक प्रमुख भटवाड़ी बिनीता रावत से की उन्होंने दूरभाष से जिला कार्यक्रम अधिकारी से इस बावत शक्त लहजे में बात की यदि कार्यालय को जल्द ही सुचारू नही किया जाता है तो स्थानीय जन प्रतिनिधियों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।


वही जब इस बावत जिला कार्यक्रम अधिकारी विक्रम सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि भटवाड़ी परियोजना में न तो कोई सीडीपीओ है और न क्लेरिकल स्टाफ है  जल्द ही बैकल्पिक ब्यवस्था कर दी जाएगी ताकि लोगो के काम न रुक सके। उलेखनीय बात तो यह है आखिर बिना सीडीपीओ और  क्लेरिकल स्टाफ के यह परियोजना चल रही है, किस तरह चल रही होगी सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए काफी होगा।   


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